भारत और UK ने जारी किया साझा बयान, PM मोदी ने National Hydrogen Mission में शामिल होने का दिया न्योता
Boris Johnson India Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की औस इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत को अंतिम रूप देने का निर्णय किया.
भारत, ब्रिटेन ने इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का फैसल किया है. (twitter.com/PMOIndia)
भारत, ब्रिटेन ने इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का फैसल किया है. (twitter.com/PMOIndia)
Boris Johnson India Visit: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के दौरे पर हैं. दोनों देशों ने शुक्रवार को साझा बयान जारी किया. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने National Hydrogen Mission में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. इस बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ साल से भारत और यूके के संबंधों को मजबूत करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
बयान में कहा गया है कि इस समय जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का यहां आना एक ऐतिहासिक पल है. पिछले साल दोनों देशों के बीच Comprehensive Strategic Partnership की स्थापना की. साझा बयान में एक फ्री, ऑपन, inclusive and rules-based order पर आधारित Indo-Pacific क्षेत्र बनाए रखने पर जोर दिया गया.
Addressing joint press meet with UK PM @BorisJohnson. https://t.co/GXPBjQN3CZ
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2022
FTA को अंतिम रूप देने का निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की और इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत को अंतिम रूप देने का निर्णय किया. दोनों नेताओं ने एक नये एवं विस्तारित द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा गठजोड़ पर भी सहमति व्यक्त की. मोदी ने भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए ब्रिटेन को आमंत्रित किया. पीएम मोदी और जॉनसन ने ‘रोडमैप 2030’ को लागू किये जाने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में गठजोड़ को गहरा बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया.
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मुक्त व्यापार समझौता पर हो रहा काम
बैठक के बाद संयुक्त मीडिया संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति की समीक्षा की और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए. उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता (FTA) के विषय पर दोनों देशों के दल काम कर रहे हैं. बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने इस साल के अंत तक एफटीए को अंतिम रूप देने की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है.’’ वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मुक्त व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इस विषय पर बातचीत में चार चैप्टर पूरे हुए हैं और अगले सप्ताह अगले दौर की वार्ता होगी.
उन्होंने कहा कि हमने इसे अक्टूबर या दीपावली तक पूरा करने को कहा है. जॉनसन ने कहा कि इससे हमारा कारोबार एवं निवेश एक दशक में दोगुणा हो सकता है. बैठक में दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे दूसरे घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और एक खुली, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बनाए रखने पर जोर दिया.
आतंकवाद को लेकर जाहिर की चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत महासागरीय पहल से जुड़ने के लिए ब्रिटेन के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जॉनसन से वार्ता के दौरान उन्होंने एक शांतिपूर्ण, स्थिर और धर्मनिरपेक्ष अफगानिस्तान के साथ ही वहां एक समावेशी और प्रतिनिधित्व सरकार के लिए अपना समर्थन दोहराया.
मोदी ने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए,’’ वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र और मुक्त रखने में सहयोग बढ़ाएं. जॉनसन ने कहा कि हमारी वार्ता अच्छी रही और इनसे हमारे संबंधों को मजबूती मिली है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम एक नयी, विस्तारित रक्षा और सुरक्षा साझेदारी पर सहमत हुए हैं.’’ जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन भारत पर केंद्रित मुक्त सामान्य निर्यात लाइसेंस बनाने पर काम कर रहा है, जिससे रक्षा खरीद में कम समय लगेगा. उन्होंने कहा कि नये लड़ाकू विमान प्रौद्योगिकी और शिपिंग टेक्नोलॉजी को लेकर सहयोग का भी जिक्र किया. दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के महत्त्व को भी दोहराया. मोदी ने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए वार्ता और कूटनीति पर बल दिया. हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया’’
03:25 PM IST